मेरे गांव की युवती
पैंतीस पर पहुंची तो
उसके भीतर से रिस गयी औरत
और
फेसबुक वाली वह औरत
चालीस के बाद भी
करती है चैट
इतराती है किशोरों के बीच
क्यों होता है ऐसा
मिट्टी खोदने में बन जाती है मिट्टी
साग खोंटने में गल जाती है साग बन
कपड़े निचोड़ने में उसके भीतर से
निचुड़ जाती है उसके भीतर से
बूंद-बूंद औरत
मेरे गांव में ही ऐसा क्यों होता है?
ऐसा क्यों होता है कि
मेरे गांव की हर औरत की
देह के साथ घिस जाती है आत्मा भी
देह के फुटहे बरतन से
तेजी से क्यों रिस जाती है
मेरे गांव की औरत
मोनोपाज से बहुत-बहुत पहले ही।
पैंतीस पर पहुंची तो
उसके भीतर से रिस गयी औरत
और
फेसबुक वाली वह औरत
चालीस के बाद भी
करती है चैट
इतराती है किशोरों के बीच
क्यों होता है ऐसा
मिट्टी खोदने में बन जाती है मिट्टी
साग खोंटने में गल जाती है साग बन
कपड़े निचोड़ने में उसके भीतर से
निचुड़ जाती है उसके भीतर से
बूंद-बूंद औरत
मेरे गांव में ही ऐसा क्यों होता है?
ऐसा क्यों होता है कि
मेरे गांव की हर औरत की
देह के साथ घिस जाती है आत्मा भी
देह के फुटहे बरतन से
तेजी से क्यों रिस जाती है
मेरे गांव की औरत
मोनोपाज से बहुत-बहुत पहले ही।
No comments:
Post a Comment